श्री रामदत्तगुरु चरित्र.....Http://ramdattaguru.org
मुख्य पृष्ट श्री रामदत्तगुरु चरित्र आरती नमन अष्टक अनुभव जे जाणति तीर्थयात्रा व अनुभूति कर्दळिबन चित्र दालन पत्र संवाद
Untitled Document

अनुभव 3 

नातवाचा  आजोबावर  प्राणघातक  हल्ला.



देऊळगावच्या  श्री.  बाळासाहेब  कुळकर्णी  यांचा  केवळ  सहा  वर्षाचा  नातू  एक  दिवस  बेफाम  झाला.  त्याची  चर्या  भयावह  दिसू  लागली.  आवाजात  खूपच  विचित्र  पणा  आला.  घरात  जाऊन  त्याने  स्वयंपाकातली  सुरी  आणली  आणि  तो  आजोबांवर  अक्षरश:  चालून  गेला.  मी  तुम्हाला  मारणारच  असे  म्हणून  त्याने  आजोबांवर  झडप  घातली.  घरातील  इतर  सर्वांनी  त्याला  आवरण्याचा  खूप  प्रयत्न  केला.  पण  तो  काही  केल्या  आवरेना.  आपला  हट्ट  सोडीना.  त्याला  रातोरात  स्पेशल  गाडी  करुन  घेऊन  निघाले.  सुर्योदयापूर्वी  अकोल्यास  श्री.  रामदत्त  महाराजांकडे  जाऊन  पोचले.  सगळी  हकीगत  सांगितली  त्या  लहान  मुलाचा  तो  विचित्र  पणा  चालूच  होता.  श्रीमहाराज  थोडा  वेळ  घ्यानस्त  बसले.  त्या  बाळाला  जवळ  घेतले.  त्याच्या  डोळयावरुन  डोक्यावरुन  चारपाच  वेळा  हात  फि  रवला.  त्याच्याशी  बोलू  लागले.  तो  मुलगा  शांत  होऊन  अगदी  नेहमी  प्रमाणे  हसून  बोलू  लागला.  ाझाजठ्ठू.  .ाहाराजांनी  श्री.  बाळासाहेब  कुटुंबियांना  पुढे  योणा.या  तीन  पौर्णिमा  आणि  तीन  आमावस्यांना  काही  विधी  करण्यास  सांगितले.  ते  त्यांनी  केले.  आज  तो  नातू  अगदी  चांगला  आहे.  आनंदी  आहे  प्रकृती  चांगली  आहे  नियमितपणे  शाळेत  जातो.  दैनिक  सर्व  व्यवहार  सुरळीत  चालू  आहेत  घरात  आनंद  नांदतो  आहे.  अशा  चमत्कारांची  मालिका  फार  मोठी  आहे  त्या  सर्वांचा  उल्लेख  करणे  अशक्यच  आहे.  पण  आणखी  एका  घटनेची  माहिती  देण्याचा  मोह  आवरला  जात  नाही.  देऊळगावचेच  एक  महान  पुढारीए  ख.या  अर्थाने  एक  महान  समाज  सेवक,  अनेक  सार्वजनिक  संस्थांचे  प्रमुख  अशा  एका  व्यक्तिच्या  एकुलत्या  एका  मुलाचा  विवाह  झाला.  अप्सरे  सारखी  देखणी  आणि  हुषार  पत्नी  त्याला  मिळाली  पाच  सहा  वर्षे  होऊन  गेली  घरात  पाळणा  हलेना.  डॉक्टरांच्या  तपासण्या  इलाजासह  इतर  सर्व  उपाय  क रुन  झाले.  घरातील  सर्वजण  चिंतातूर  होते  कोणीतरी  त्यांना  श्री.  रामदत्तांची  भेट  घेण्याचा  सल्ला  दिला  ते  महाराजांकडे  गेले  श्री.  महाराज  थोडा  वेळ  ध्यानस्थ  बसले  .दुरुनच  त्या  सुनेचे  पाय  त्यांनी  पाहिले.  आयुर्वेदिक  औषध  घेण्यास  आणि  काही  विधी  करण्यास  सांगितले  त्यांनी  श्री.  महाराजांवर  विश्वास  ठेवून  निष्ठापूर्वक  ते  सर्व  पार  पाडले.  आणि  काय  आश्चर्य  नव्हे  चमत्कार  झाला  एका  वर्षात  त्या  दांपत्याच्या  पोटी  एका  गोंडस  बाळाने  जन्म  घेतला.  घरात  अनंदी  आनंद  झाला.  याला  चमत्कार  शिवाय  आणखी  काय  म्हणावे. 

 

 

श्री रामदत्तगुरु चरित्र.....Http://ramdattaguru.org